इयत्ता 9 वी हिंदी संयुक्त
3) निज भाषा
'निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल' सार्थकता स्पष्ट कीजिए ।
भावार्थ:
निज यानी अपनी भाषा से ही उन्नति सम्भव है, क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है।
मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण सम्भव नहीं है।
विभिन्न प्रकार की कलाएँ, असीमित शिक्षा तथा अनेक प्रकार का ज्ञान,
सभी देशों से जरूर लेने चाहिये, परन्तु उनका प्रचार मातृभाषा में ही करना चाहिये।
हिंदी भाषा का महत्व
बाल दिवस समारोह
हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार करणे वाले महान व्यक्तियों की जानकारी
🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹
No comments:
Post a Comment